प्रीमियम भुगतान के 3 वर्षों के बाद ही पॉलिसी के सरेंडर मूल्य की कैलकुलेशन की जाती है. सरेंडर वैल्यू कंपनी की पॉलिसी नियमों के आधार पर तय होती है.
यदि वसीयत पंजीकृत नहीं है तो इसकी वैधता या वास्तविकता साबित करना मुश्किल होगा. एक पंजीकृत वसीयत के साथ न तो छेड़छाड़ की जा सकती है न ही इसे चुराया जा सकता है.
आपने कोई प्रॉपर्टी खरीद कर रखी हुई है या किराये पर दी हुई है, तो यह आपकी नेटवर्थ में अच्छा इजाफा करेगी.